शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009

परिकल्पना :तीसरे विश्व युद्ध की

तमाम बुद्धिजीवी वर्ग अक्सर कयास लगते रहते है की तीसरा विश्व युद्ध किन कारणों से होगा कोई पानी तो कोई परमाणु बताता है आज का परिदृश्य भी कुछ एसा ही है शक्ति मिलने पर मनुष्य की प्रवित्तिअहंकारी हो ही जाती है जिसे आज का बुद्धिजीवी वर्ग भी नही समझ पा रहा सदियों पहले भगवान कृष्ण ने इसे समझ लिया था तभी महाभारत युद्ध के बाद दुर्वासा ऋषि के शाप के द्वारा शक्तिशाली यादव वंस का सर्वनास कराया साथ ही अपने मुक्ति का द्वार भी खोल लिया आज भले ही दुनिया परमाणु के ढेर पर खड़ीहो लेकिन तीसरे विश्व युद्ध का कारण कुछ और ही होगा और वो कारण है सभ्यताओ का महायुद्ध धर्म के अनुयायियों का भीषड़ संग्राम जो पुरी दुनिया को अपने चपेट में ले लेगा आज से कुछ सौ साल पहले जब इस्लाम धर्म का उदय हुआ उस समय भी कई धर्म और सभ्य्ताये मौजूद थीं लेकिन धीरे धीरे जब इस्लाम ने अपने कदम मक्का से आगे बढाये तो कितने ही धर्मो और सभ्यताओ का उनमे विलय हो गया वजह चाहे जो भी रही हो चाहे वो "इस्लाम का शक्तिशाली आधार रहा हो या मुसलमानों का ऊँचा मनोबल "लेकिन सत्य यही है की जितनी तेजी से इस्लाम ने पुरे विश्व में अपना झंडा बुलंद किया उतनी तेजी से किसी और ने नही यही वजह है आज आधी दुनिया इस्लाम की अनुयायी है और धर्मो के बीच टकराव तो सदियों से होता चला आ रहा प्राचीन मिश्र को ही ले लीजिये जहा पर १८वे साम्राज्य के पहले प्रमुख देवता सूर्य थे जिन्हें आमोन कहा जाता था बाद में एमोन रे नम के देवता ने इनका स्थान ले लिया १९वे वंस में प्रतापी रजा एमोन्हेतोप चतुर्थ जिसने अपना नम बदलकर एखनातोंन कर लिया था उसने ओतोन देवता की सत्ता घोषित कर दी और उसने हुक्म दिया की ओतोन के सिवा सारे देवताओ का नाम मिटा दिया जाय इसी तरह देवताओ के आड़ में मनुष्यों ने परस्पर अपने धर्म और देवताओ को लेकर जंग लड़ी और जब हम ईसामसीह के बाद का अवलोकन करते है तो पाते है की इसाइयत ने भी अपना प्रचार प्रसार बड़ी तीव्र गति से किया फलस्वरूप आज इस्लाम के बाद केवल इसाइ ही है जो लगातार अपनी वृध्ही दर्ज करना चाहते है
और ये भविष्य वाणी करना ज्यादा मुश्किल नही होगा की वह दिन दूर नही जब दो महाशक्तियों का एक महासंग्राम होगा जिसमे हजारो लाखो लोग मरे जायेगे लेकिन इसके साथही उठेगा प्रकिती का कहर जो पुरी दुनिया को तबाह कर देने के लिए काफी होगा
और फ़िर से होगा एक नई मानव सभ्यता का जन्म ;

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