शुक्रवार, 19 मार्च 2010

तेरह फरवरी

 तेरह  फरवरी सन दो हजार दस ,यह कोई एतहासिक तारिख नहीं जिसका पता सबको हो लेकिन किसी परिवार के लिये यह एक न भूलने वाली काली तारिख है|आजमगढ़ के एक छोटे से गाँव परागद्दी के रहने वाले रामयश प्रजापति की बेटी सोंद्रिका देवी की शादी पाँच वर्ष पहले धर्मेन्द्र प्रजापति ग्राम जेहरा पिपरी में होती है शादी के कुछ दिन के बाद से ही उस मासूम का शोषण ससुरालवालों की तरफ से शुरू हो जाता है पाँच साल के लम्बे अन्तराल के बाद ठीक तेरह फरवरी को उसकी गला दबाकर न्रिशंश तरीके से हत्या कर दी जाती है और अपराधी पैसे की ताकत से समाज में छुट्टा घूमता है
यह किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि एक ह्रदय विदारक सच्ची घटना है तमाम प्रयासों के बावजूद भी मृतका के सम्बन्धी न्याय की तलाश में इधर-उधर भटकने पर मजबूर है प्रशासन खामोश बैठा है किसी तरह दबाव डालने पर ऍफ़ आइ आर तो लिख ली जाती है लेकिन कारवाही के नाम पर सिफ़र ही हाथ में आता है और सबसे बड़ी बात तो यह है की समाज का चौथा स्तम्भ यानि की "मिडिया" भी इस मामले में अपनी चिर-परिचित फूर्ती दिखने में असमर्थ हो जाता है वह इंतजार कर रहा है की इस मुद्दे को कब भुनाया जाय|
ऐसी न जाने कितनी सोंद्रिका देवी को अचानक लाश में तब्दील कर दिया जाता है और हमारे कान में जू तक नहीं रेगती आखे तभी खुलती है जब इस तरह की कोई घटना हमारे ही साथ हो जाती है तब हम चिल्लाते है प्रशासन के खिलाफ,भ्रष्टाचार के खिलाफ,अत्याचार के खिलाफ और उन दुर्दांत हत्यारों के खिलाफ जो की एसा जघन्य अपराध करके भी समाज में हिंसक पशु की तरह घूम रहे होते है|
ऐसी ही न जाने कितनी सोंद्रिका दहेज़ की बलिवेदी पर कुर्बान कर दी जाती है और समाज खामोश रहता है अगली सोंद्रिका के मरने के इंतजार में आखिर कब तक ज़रा सोचिए .....................   

2 टिप्‍पणियां:

  1. Achhi Prastuti ,Yah Aur Romanchk Ho Sakti thi agr isme aap ne kuch sarkari aankde daale hote ....
    Badhai ....

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  2. mai is ghtna ki gawah hu aur maine hi mujrimo ki giraftari ki koshish kari ye jurm isliye hote hai amit ji ki hum aur aap jaise log ye sochte hai ki dusaro ke mamlo me nahi padna chahiye jis din sab jag jayenge na jurm khatam ho jayega prayas ke liye badhai

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